दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का अंतिम उद्बोधन । परीक्षित मोक्ष प्रसंग के साथ हुआ समापन !
डां बंशीधर दीवान के निवास स्थल पहुंचकर परिवार और कथावाचक पद्मेश शर्मा का किया अभिनंदन । पुष्पाहार , श्रीफल और सहस्त्राभिनंदन-पत्रक भेंट किया ।
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चांपा । श्रीमद्भागवत का शुरुआती आरंभ जिज्ञासा से हुआ हैं इसलिए सभी मनुष्य को जिज्ञासा से भगवान की कथा सुननी चाहिए । श्रीमद्भागवत की पूरी कथा में 12 श्लोकों का मंगलाचरण हैं। राजा परीक्षित को जीवन में 12 दिन का श्राप लगा था । भागवत और रामचरित मानस दोनों ग्रंथों की रचना स्वान्त : सुखाय की कल्पना के लिए की गई थी , जबकि रामायण और महाभारत की रचना इतिहास के गुढ़ रहस्यों पर आधारित हैं । रामचरित मानस में जहां 12,श्लोक का मंगलाचरण और सात खण्ड हैं वहीं भागवत में सात दिनों की पूरी कथा समाहित हैं । राजा परीक्षित सात दिनों तक हर पल शुकदेव के मुख से कथा सुनते रहे और अपनी जिंदगी को मुक्ति के द्वार तक अंततः ले गये । डां बंशीधर धर दीवान और उनकी अर्द्धागिनी श्रीमति संगीता दीवान ने श्रद्धालु भक्तों को 09 सुबह से और दुसरी पाली में 03 बजें से सायंकाल 7:30 तक श्रीमद्भागवत कथा का अमृतमयी निर्झरणी में सभी को सात दिनों तक भक्ति भाव से गोता लगाए । उक्त वाक्य जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी जी के परम शिष्य पंडित पद्मेश शर्मा जी ने सप्त-दिवसीय कथा के अंतिम दिन कहा । अंतिम दिन कथा का रसपान करने आयोजन स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर का परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था । पूरे सप्ताह की कथा का सार संक्षेप सुनने चांपा नगर के आमंत्रित-अना आमंत्रित सहित अफरीद ,कमरीद, मुड़पार , पचोरी ,मड़वा ,कुदरती ,महुदा , कुरदा, जांजगीर-चांपा जिला सहित अन्यान्य जिले के श्रद्धालु भक्तों ने कथा का श्रवण लाभ लिया ।
श्रीमद्भागवत कथा का हुआ हैं दिव्य आयोजन।
श्रीमद्भागवत कथा स्थल परिसर पर इतने सारे लोगों की एक साथ एकत्रित होने के बावजूद पूरे परिसर में कहीं भी अव्यवस्था नज़र नहीं आई । सप्त-दिवसीय आयोजन में पूरे सात दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण ,श्रीराम ,शिवजी और देवी-देवताओं की झांकियां दीवान परिवार के महिलाओं ने सुसज्जित किया । एक-वर्षीय बच्चें को बाल कृष्ण का रुप धराकर टोकरी पर रखकर वासुदेव लाते हैं तब श्रोता भाव-विभोर हो जाते हैं । राम जन्मोत्सव और कृष्ण लीला की झांकी ने सबको मनमोहित कर दिया। श्रद्धालु भक्त दोनों रुपों में भगवान की पूजा-अर्चना करते देखे गए। गीता का उपदेश देते हुए झांकियां भी सजाई गई । कथा के अंतिम दिन प्रेस क्लब के संरक्षक भृगुनंदन शर्मा ,ऊर्जावान अध्यक्ष सरदार कुलवंत सिंह सलूजा ,कोषाध्यक्ष विक्रम तिवारी और मीडिया प्रभारी शशिभूषण सोनी पहुंचे । व्यासपीठ का दर्शन-पूजन करके आचार्य श्री से आशिर्वाद लिया । घर-परिवार और कथा व्यास आचार्य एवं शंकराचार्य जी के कृपा पात्र शिष्य पद्मेश शर्मा जी के पास पहुंचकर आशीर्वाद लिया और दैनिक समाचार-पत्रों में सप्त दिवसीय कथा के दौरान गतिविधियों और प्रकाशित समाचार की रिपोटिंग कटिंग लिमिटेशन कराकर भेंट की गई । प्रेस क्लब चांपा ने जो अभिनंदन-पत्र कथा वाचक श्रद्धेय पद्मेश शर्मा जी को भेट किया वह इस प्रकार हैं ।
संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा महापुराण यज्ञ महोत्सव के अंतर्गत सहस्त्राभिनंदन समर्पित किया गया ।
कथा व्यास आचार्य श्रद्धेय पंडित पद्मेश शर्मा ।
शंकराचार्य जी के आशिर्वाद से बंशीधर दीवान परिवार में श्रीमद्भागवत कथा का स्वर्णिम आयोजन ।
कथा व्यासपीठ पर विराजमान पं पद्मेश शर्मा जी से आनंदित हैं प्रेमी जन ।।
उच्चारण अत्यंत स्पष्ट हैं मिश्री सी हैं आपकी आवाज।
आह्ल्दित हैं सब भक्त जन करते हैं आप पर नाज।
वाचन प्रवचन अनवरत ओजस्वी हैं आपकी आवाज ।
प्रभु श्रीकृष्ण ही जानें आपकी सुंदर प्रस्तुतियों का राज ।।
धन्य धन्य इस भूमि को धन्य यहां के लोग ।
मिले दीवान परिवार के सहयोग से कथा श्रवण संजोग ।।
ब्रम्हलीन पूज्यनियां माता श्रीमति कमला दीवान के वार्षिक श्राद्ध निमित्त श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में आयोजक डां बंशीधर दीवान श्रीमति संगीता दीवान और श्रद्धेय पद्मेश शर्मा जी का हार्दिक अभिनंदन, वंदन और कोटि-कोटि नमन ।
भवदीय : कुलवंत सिंह सलूजा अध्यक्ष प्रेस क्लब चांपा ।
विनयावत : शशिभूषण सोनी श्रीमति शशिप्रभा सोनी
सप्त-दिवसीय आयोजन में शुरुआत से अंतिम कथा विश्राम के दिन तक अनवरत् प्रेस क्लब ,चांपा ने सहभागिता दी । बंशीधर दीवान परिवार ने भी क्लब के सामाजिक सरोकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।
ज्ञातव्य हैं कि श्रीमद्भागवत प्रेस क्लब चांपा के सहयोगी और उदार हृदय वाले डां बंशीधर धर दीवान प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चांपा ने सप्त-दिवसीय महापुराण यज्ञ में स्नेह पूर्वक आमंत्रित किया था । प्रेस क्लब चांपा के सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने नाम केवल कथा का रसपान किया बल्कि रिपोटिंग प्रकाशित करने में अपनी महती जिम्मेदारियों का निर्वहन भी किया । पंडित पद्मेश शर्मा और बंशीधर दीवान जी से भी शुभ आशिर्वाद भी ग्रहण किया । इस अवसर पर कुलवंत सिह सलूजा , सचिव मूलचंद गुप्ता , कोषाध्यक्ष विक्रम तिवारी , विशेष आमंत्रित अशोक कुमार अग्रवाल जिला अध्यक्ष प्रेस क्लब ,सक्ती , बलराम पटेल , गौरव गुप्ता , हरीश पाण्डेय , भृगुनंदन शर्मा , शैलेष शर्मा शशिभूषण सोनी सहित प्रेस क्लब के अन्यान्य लोगों मौजूद रही।
कंचन की नगरी चांपा में पंडित पद्मेश शर्मा जी के मुखारवृंद से सप्त-दिवसीय कथा श्रीमद्भागवत कथा से श्रद्धालु भक्त रहे आनंदित ।
पूज्यनियां माता श्रीमति कमला दीवान जी के वार्षिक आदरणीय श्रीयुत बंशीधर दीवान जी के यहां श्रीमद्भागवत कथा का आमंत्रण पत्र प्राप्त प्रेस क्लब चांपा सहित सब लोगों को देने के लिए प्रेस परिवार ने हृदय से धन्यवाद दिया हैं और कहा हैं कि व्यासपीठ पर विराजमान श्रद्धेय पद्मेश शर्मा जी आपका स्वागत और अभिनंदन हैं । धार्मिक-सांस्कृतिक आस्था रखने वाले शशिभूषण सोनी ने कहा कि कोसा, कांसा एवं कंचन की नगरी चांपा में पंडित पदमेश शर्मा जी के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा के रसपान का अवसर दिनांक 01 जनवरी 2024 से दिनांक 09 जनवरी 2024 तक कथा श्रवण का अवसर मिला । आपके श्रीमुख से भगवान श्रीकृष्ण की लीला सुनने को मिला अहो भाग्य । हम-सब निश्चित हैं भरोसा हैं, बड़ा ही आनंद आया और आगे भी कथा श्रवण का संजोग बनेगा । वैसे भी श्रीमद्भागवत कथा एक अमृत तुल्य एवं पुष्टिकारक मधुर पय हैं । यह पय उप निषद्रुपी कामधेनु के धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रुपी चार रुपी स्तनों से निकाला गया गंगा हैं । इसे दुग्ध निकालने वाले गोपाल नंदन भगवान श्रीकृष्ण हैं ,वत्स (बछड़ा) भगवान श्रीकृष्ण के मित्र अर्जुन हैं । श्रीमद्भागवत वेद रुपी कल्पवृक्ष का पका हुआ फल हैं । इस ग्रंथ में जीवन के साथ तत्त्व समाहित हैं । महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित ,शुकदेव मुनि द्वारा वाचित तथा श्रीयुत बंशीधर दीवान परिवार के संयोजकत्व में पंडित पद्मेश शर्मा के मुख से दिव्य अमर संदेश प्राप्त हुआ हैं। यह एक अपूर्व ग्रंथ रत्न हैं । शास्त्रों उपनिषदों का सार हैं । वेदों का तत्त्व हैं । यह वृक्ष सदा ही फल देता हैं जिसके नाम – धर्म अर्थ काम और मोक्ष हैं और चार प्रकार के भक्त आर्त ,जिज्ञासु अर्थार्थी तथा ज्ञानी इन चारों फलों का सेवन ध्यान से करते हैं श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन डां बंशीधर दीवान परिवार का धार्मिक आयोजन निर्विघ्न दर्शन और पूजन के साथ सम्पन्न हो गया । कृष्ण-सुदामा प्रसंग पर भावविभोर हो उठे दृश्य को सबने पसंद किया । श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में सुरीली गायिका सुश्री साधना विंध्यराज की स्वर गुंज अंत तक परिसर में गुंजती रही ल रही वहीं तबला पर संगत धनराज विंध्यराज और पैड पर अभय कुमार साहू की संगत कोसबने सराहा और हृदय से धन्यवाद दिया ।